Dwand Samas – द्वन्द समास, परिभाषा, प्रकार, 50 उदाहरण और अर्थ आसान शब्दों में इस पृष्ठ पर दिया गया है। हिंदी व्याकरण में समास अलंकार छंद एवं रस सर्वाधिक परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। जैसे की हमने पहले अध्याय में बताया की समास किसे कहते हैं। यदि आपने नहीं पढ़ा तो आप नीचे दिए लिंक में समास अव्ययीभाव समास, बहुव्रीहि समास तथा तत्पुरुष समास दिए हैं।
- समास – समास के प्रकार और उदाहरण
- अव्ययीभाव समास – उदाहरण और अर्थ
- तत्पुरुष समास, प्रकार, 50 उदाहरण, सूत्र, अर्थ
- बहुव्रीहि समास – प्रकार, उदाहरण
इस प्रश्न में –
- द्वंद समास किसे कहते हैं?
- द्वन्द समास के प्रकार
- द्वन्द समास के 50 उदाहरण
द्वन्द समास, परिभाषा, प्रकार, 50 उदाहरण और अर्थ
जिस समास में दो पद समानतः प्रधान होते है समुच्चयबोधक अव्यय का लोप कर दिया जाता है |
द्वन्द्व समास तीन प्रकार के होते है –
इतरेतर द्वन्द्व : इस कोटि के समास में समुच्चयबोधक अव्यय ‘और’ का लोप हो जाता है | जैसे – सीताराम, गाय-बेल, दाल-भात, नाक-कान आदि |
वैकल्पिक द्वन्द्व : इस समास में विकल्प सूचक समुच्चयबोधक अव्यय ‘वा’, ‘या’, अथवा’ का प्रयोग होता है, जिसका समास करने पर लोप हो जाता है |
जैसे – धर्म या अधर्म = धर्माधर्म
सत्य या असत्य = सत्यासत्य
छोटा = छोटा-बड़ा
समाहार द्वन्द्व : इस कोटि के समास में प्रयुक्त के अर्थ के अतिरिक्त उसी प्रकार का और भी अर्थ सूचित होता है |
जैसे – दाल, रोटी वगैरह = दाल-रोटी
कपड़ा, लत्ता वगैरह = कपड़ा-लत्ता
ध्यातव्य बिन्दु : जब दोनों पद विशेषण हो और उसी अर्थ में आए तब वह द्वन्द्व न होकर कर्मधारय हो जाता है |
जैसे – भूखा-प्यासा लड़का रो रहा है |
यहाँ ‘भूखा-प्यासा’ लड़के का विशेषण है | अतः कर्मधारय के अन्तर्गत आएगा |
अव्ययीभाव समास में दो ही पद होते है | बहुव्रीहि में दो से ज्यादा, तत्पुरुष में भी दो से अधिक पद देखे जाते है; परन्तु द्वन्द्व समास बहुत ज्यादा पद भी हो सकते है | जैसे –
आज मेहमानों को भात-दाल तरकारी-तिलोड़ी-पापड़-घी-सलाद-दही आदि खिलाए गए |
रेखांकित पद द्वन्द्व समास के है |
आधुनिक नवीन पद्धति :
प्रयोग की दृष्टि से समास के मुख्यतः तीन प्रकार माने गए है-
संज्ञा समास या संयोगमूलक समास : इस ‘द्वन्द्व समास’ अथवा ‘संज्ञा समास’ के नाम से जाना जाता हैं| इसके सभी पद प्रधान होते हैं; परन्तु यहाँ योजक-चिह्न नहीं लगता, वहाँ तत्पुरुष समास होता है | जैसे –
माता-पिता = द्वन्द्व समास
गंगाजल = तत्पुरुष समास
आश्रयमूलक या विशेषण समास : यह प्रायः कर्मधारय समास होता है | इसका दूसरा पद प्रधान होता है | जैसे-
कच्चामाल = कच्चा माल
वर्णमूलक या अव्यय समास : इस समास के अन्तर्गत बहुब्रीहि और अव्ययीभाव समास आते है | इसमें प्रथम पद साधारणतः अव्यय और दूसरा पद संज्ञा का काम करता है |
जैसे – प्रतिमास आदि |
द्वन्द समास के उदाहरण
समस्तपद | विग्रह | समस्तपद | विग्रह |
कपडालत्ता | कपड़ा-लत्ता वगैरह | जीव-जंतु | जीव-जन्तु वगैरह |
नाक-कान | नाक-कान वगैरह | अन्नजल | अन्न और जल |
आहार-निद्रा | भय-मैथुन | आहार, निद्रा,भय | मैथुन वगैरह |
थोड़ा-बहुत | थोड़ या बहुत | सागपात | साग या पात |
ठण्डा-गरम | ठंडा या गरम | गुण-दोष | गुण या दोष |
हाँ-ना | हाँ या ना | जोड़-तोड़ | जोड़ना या तोडना |
अनाप-शनाप | अनाप-शनाप दोनों |
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