अव्ययीभाव समास : परिभाषा, अर्थ और 50 उदाहरण, हिंदी व्याकरण me Avyayibhav samas kise kahte hain? समास के मुख्य 4 प्रकारों में से अव्ययीभाव समास पहला प्रकार है।
यदि आपने इससे पहला लेख पढ़ा है तो आपको पता होगा की समास किसे कहते हैं? समास विग्रह क्या होता है और समास कुल कितने प्रकार के होते हैं? – समास और समास विग्रह और उसके प्रकार क्या है?
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इस लेख में देखिये –
- अव्ययीभाव समास क्या होता है?
- अव्ययीभाव समास के 50 उदाहरण।
- कौन सा समास अव्ययीभास समास है कैसे पता करें?
- अव्ययीभाव समास की पहचान के लक्षण क्या हैं?
अव्ययीभाव समास : परिभाषा, अर्थ और 50 उदाहरण
अव्ययीभाव समास का पहला पद प्रधान होता है और समस्त पद वाक्य में क्रिया विशेषण (Adverb) का काम करता है | इसी कारण से अव्ययीभाव समस्त पद लिंग, वचन विभक्ति हीन रहता है | इसके दोनों पदों स्वतंत्र रूप से पृथक प्रयोग नहीं होता क्योंकि यह प्रायः नित्य समास’ होता है-
चूँकि उपसर्ग भी अव्यय होते है इसलिए उपसर्गों से निर्मित समस्त पद अव्यय का ही काम करते है-
अव्ययीभाव समास अनेक अर्थों में विहित है-
1- से लेकर/तक
आजन्म = जन्म से लेकर
आकंठ = कंठ तक
2- क्रम
अनुजयेष्ठ = ज्येष्ठ के क्रम से
3- के अनुकूल/के अनुसार
यथाशक्ति = शक्ति के अनुसार
यथासमय = समय के अनुकूल
4 – वीप्सा
प्रतिदिन = दिन – दिन
5 – के योग्य
अनुरूप = रूप के योग्य
6 – अभाव
निर्जन = जनों का अभाव
निर्मक्षिक = मक्षिक (मक्खी) अभाव
7 – पुनरुक्ति
रातों – रात,
हाथों – हाथ,
धीरे – धीरे आदि |
अव्ययीभाव समास की पहचान के लक्षण क्या हैं?
अव्ययीभाव समास को पहचानने के लिए निम्नलिखित विधियाँ अपनायी जा सकती हैं –
1 – यदि समस्तपद के आरम्भ में भर, निर, प्रति, यथा, वे, उप, यावत्, अधि, अनु आदि उपसर्ग/अव्यय हों |
जैसे – यथाशक्ति, प्रत्येक, उपकूल, निर्विवाद अनुरूप, आजीवन आदि
2 – यदि समस्त वाक्य में क्रिया विशेषण का काम करे |
जैसे –
उसने पेटभर (क्रिया विशेषण) खाया (क्रिया)
अव्ययीभाव समास के 50 उदाहरण
समस्तपद | विग्रह | समस्तपद | विग्रह |
---|---|---|---|
दिनानुदिन | दिन के बाद दिन | भरपेट | पेट भरकर |
निर्भय | बिना भय का | प्रत्यक्ष | अक्षि के प्रति |
निधड़क | बिना धड़क के | यथार्थ | अर्थ के अनुसार |
मनमाना | मन के अनुसार | बेकार | बिना काम का |
आपादमस्तक | पाद से मस्तक तक | परोक्ष | अक्षि के परे |
बेफायदा | बिना फायदे का | बेरहम | बिना रहम के |
अभूतपूर्व | जो पूर्व नहीं भूत है | आजन्म | जन्म से मृत्यु तक |
घड़ी-घड़ी | घड़ी के बाद घड़ी | धड़ाधड़ | जल्दी से |
निर्विवाद | बिना विवाद के | प्रत्यंग | अंग-अंग |
यथाशक्ति | शक्ति के अनुसार | उपकूल | कूल के समीप |
समक्ष | अक्षि के सामने | प्रत्येक | एक-एक |
यथाशीघ्र | जितना शीघ्र हो | बेलाग | बिना लाग का |
प्रत्युपकार | उपकार के प्रति | बेकायदा | बिना कायदे का |
बेखटके | बिना खटके का | अकारण | बिना कारण का |
अनजाने | बिना जाने हुए | एकाएक | अचानक ही |
धीरे-धीरे | धीरे के बाद भी धीरे | निर्विकार | बिना विकार के |
प्रतिमास | प्रत्येक मास | बीचोबीच | ठीक बीच में |
अनुरूप | रूप के अनुसार | यथासंभव | जितना संभव हो |
यथासंख्य | संख्या के अनुसार | सरासर | एकदम से |
आमरण | मरण तक | अध्यात्म | आत्मा से संबंधित |
यथासमय | समय में अनुसार | आजानु | घुटना तक |
यथास्थान | स्थान के अनुसार | यावज्जीवन | जीवन पर्यन्त |
अनुगुण | गुण के योग्य | भरसक | सक भर |
हडघड़ी | घड़ी-घड़ी | हाथों हाथ | एक हाथ से दूसरे हाथ |
आजीवन | जीवन भर | यथामति | मति के अनुसार |
यथारुचि | रूचि के अनुसार | साफ-साफ | बिलकुल साफ |
आगुल्फ | टखना पर्यन्त | निर्मक्षित | मक्षिकाओ का अभाव |
आघोपांत | आदि से उपान्त या अंत तक |
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