March 28, 2024

काल की परिभाषा, प्रकार, भेद, उदाहरण (Kaal in hindi)

काल की परिभाषा, प्रकार, भेद, उदाहरण (Kaal in hindi): क्या आप काल के बारे में पढ़ना चाहते हैं| काल हमारे लिए एक बहुत ही ज़्यादा महत्वपूर्ण विषय है| यह हमें सभी काल (Kaal in hindi) के बीच का भेद समझाता है| एक पल को मानें की हमें काल (काल की परिभाषा) की कोई जानकारी नहीं, तो क्या हम किसी भी वाक्य को सही से बोल पाएंगे| नहीं, इसीलिए, काल हमें बचपन से ही पढ़ाये जाते हैं, ताकि हम काल के सभी प्रकार के बीच अंतर समझ सकें, और यह पता लगा सकें की किस वाक्य में किस प्रकार का काल (काल की परिभाषा) हमें इस्तेमाल करना है| तो आइये पेज को नीच की ओर स्क्रॉल करें और काल (काल की परिभाषा) के बारे में जानकारियां हासिल करें|

काल की परिभाषा, प्रकार, भेद, उदाहरण

काल क्या है? इसकी परिभाषा बताएं|

“क्रिया के जिस रूप से उसके (क्रिया के) हाने का समय उसका पूर्णता या अपूर्णता का बोध हो, ‘काल’ कहते हैं।” (काल की परिभाषा, प्रकार, भेद, उदाहरण)

नीचे लिखे उदाहरणों को देखें-

1. शकुन्तला सिलाई-कढ़ाई सीखती है।
2. शकुन्तला ने बी0 ए0 तक पढ़ाई की।
3. शकुन्तला एम0 ए0 की पढ़ाई करने दिल्ली जाएगी।

विश्लेषण:

प्रथम वाक्य की क्रिया से उसकी अपूर्णता और ’इस समय‘ का बोध हो रहा है। दूसरे वाक्य कि क्रिया से उसकी पूर्णता और ’बीते समय‘ का तथा तीसरे वाक्य की क्रिया से उसकी अपूर्णता एवं ‘आनेवाले समय’ का बोध हो रहा है। इस तरह काल के तीन प्रकार हुए-

1. इस समय का बोध करानेवाला और
2. बीते समय का बोध करानेवाला और
3. आनेवाले समय का बोध करानेवाला।

प्रथम को वर्तमानकाल, द्वितीय को भूतकाल और तृतीय को भविष्यत् का के नाम से जाना जाता है। अब प्रत्येक को विस्तार से समझें-

1. वर्तमान काल : जिस काल का आरंभ तो हो चुका हो; पर समाप्ति नहीं हुई हो, उसे वर्तमान काल (Present Tense) कहते हैं। यानी वर्तमान काल गुजर रहे समय में होनेवाले कार्यों के बारे में बताता है।

जैसे-
वह सदा बड़ों का कहना मानता है।
दीपू परीक्षा की तैयारी कर रहा है।
वे आज भी रिसर्च कर रहे होंगे।

वर्तमान काल के मुख्य रूप से तीन प्रकार होते हैं-

सामान्य वर्तमान काल जिस वाक्य के अंत में ता है, ती है, तें है, आदि शब्द आते हैं तो उसे सामान्य वर्तमान काल कहा जाता है|
जैसे –
श्याम स्कूल जाता है|
रीता गाना गाती है|
हम सब खेलते हैं|
पतंग आकाश में उड़ती है|
तात्कालिक वर्तमान काल इस काल में क्रिया के द्वारा किसी कार्य का वर्तमान में जारी रहना बताया जाता है|
जैसे –
मैं पानी पी रहा हूँ|
मैं गाना सुन रहा हूँ|
माता जी खाना बना रही हैं|
पिता जी अभी दफ्तर से घर आ रहे हैं|
पूर्ण वर्तमान काल यह वह वर्तमान काल है जिसमें किसी कार्य के पूर्ण होने की जानकारी दी जाती है| इसलिए इस काल को पूर्ण वर्तमान काल कहा जाता है| इसके वाक्य के अंत में चुका है, चुके हैं, चुकी हैं शब्द आते हैं| इन शब्दों के द्वारा ही इस काल की पहचाना की जाती है|
जैसे –
हम खाना खा चुके हैं|
पिताजी दफ्तर से घर आ चुके हैं|
माताजी भोजन बना चुकी हैं|
राधा अपनी नानी के घर जा चुकी है|
संदिग्ध वर्तमान काल इस काल में कार्य के होने या ना होने में संदेह होता है| सरल भाषा में कहें तो वह क्रिया जिसके होने में अथवा ना होने में संदेह होता है तो उस काल को संदिग्ध वर्तमान काल कहा जाता है|
जैसे –
कर्नाटक में बारिश हो रही होगी|
मेरा ऑफिस ऑफिस जा चुका होगा|
पिता जी ऑफिस से आ गये होंगे|
नंदिनी की परीक्षाएं समाप्त हो चुकी होंगी|

2. भूतकाल क्रिया : जिस रूप से उसके बीते हुए समय में उसकी (क्रिया की) पूर्णता या अपूर्णता का बोध हो, ‘भूतकाल’ (Past Tense) कहलाता है।

जैसे-

1. मेरा बचपन बीत गया।
2. वह परीक्षा की तैयारी कर रहा था।
3. नेताजी ने गरीबी दूर करने की बात कही होगी।
4. कालिदास ने ‘मेघदूत’ लिखा है।
5. प्रेमचंद ने ‘गोदान’ लिखा था।
6. परसों शिमला में वर्षा होती थी।
7. उसने अच्छी तैयारी की होती तो परीक्षा पास कर जाता।

विश्लेषण:

(a) उपर्युक्त सभी वाक्यों में प्रयुक्त क्रियाओं से बीते हुए समय का बोध हो रहा है।

(b) (i),(iii),(iv) एवं (v) वाक्यों में क्रिया की पूर्णता और शेष वाक्यों में क्रिया की अपूर्णता दिखाई पड़ रही है।

भूतकाल (Kaal in hindi) के छह प्रकार होते हैं:

सामान्य भूत सामान्य भूतकाल (Past Indefinite/Simple Past) की क्रिया से सिर्फ यह जान पड़ता है कि क्रिया बीते हुए समय में हुईं, यह नहीं कि काम को हुए अधिक देर हुई या थोड़ी देर।
इस काल की क्रिया की संरचना इस प्रकार होती-
‘धातु + आ/ए/ई’ अथवा ‘धातु + चुका/चुके/चुकी’ या ‘धातु + या/ये/यीजैसे-अमरीका ने हिरोशिमा पर बम गिराया।
मि0 टनाका ने वह नजारा देखा।
जापान उस घटना को भूल चुका।
आसन्न भूत ‘‘क्रिया के जिस रूप से उसकी समाप्ति निकट भूत में या तत्काल सूचित होती है, उसे ‘आसन्न भूत’ (Present Perfect Tense) की क्रिया कहते हैं।’’ इस काल को ‘पूर्णवर्तमान’ के नाम से भी जाना जाता है; क्योंकि इसकी पूर्णता या समाप्ति वर्तमान के निकट में होती है। इस काल की क्रिया की संरचना के लिए सामान्य की संरचना में सिर्फ है/हैं/हो/हूँ लगाना पड़ता है।

जैसे-

अमरीका ने हिरोशिमा पर बम गिराया है।
मि0 टनाका ने देखा हैं
जापान उस घटना को भूल चुका है।

पूर्णभूत ‘‘क्रिया के जिस रूप से यह विदित हो कि उसके व्यापार को समाप्त हुए बहुत देर हो चुकी हैं; यानी कोई क्रिया बहुत पहले हो चुकी है।’’ इस काल की क्रिया भी पूर्णताबोधक होती है। इसकी संरचना के लिए सामान्य की संरचना के बाद था/थे/थी जोड़ना पड़ता है।

जैसे-

अमरीका ने हिरोशिमा पर बम गिराया था।
मि0 टनाका ने देखा था।
जापान उस घटना को भूल चुका था।

संदिग्ध भूत संदिग्ध भूत (Past Doubtful) की क्रिया से बीते हुए समय में क्रिया की पूर्णता में संदेह रहता है।
इसकी संरचना के लिए सामान्य के बाद होगा/होगे/होगी लगाना चाहिए।जैसे-अमरीका ने हिरोशिमा पर बम गिराया होगा।
मि0 टनाका ने देखा होगा।
जापान उस घटना को भूल चुका होगा।
अपूर्ण भूत अपूर्ण भूत (Past Imperfect Tense) की क्रिया से यह विदित होता है कि बीते हुए समय में कोई क्रिया जारी थी यानी पूर्णता को प्राप्त नहीं हुई थी।
इसकी संरचना इस प्रकार होती हैं-
धातु + रहा/रहे/रही + था /थे/थी
या, धातु + ता/ते/ती + था/थे/थीजैसे- वैज्ञानिक सूर्यग्रहण का नजारा देख रहे थे/देखते थे।
उस समय ताजमहल का निर्माण-कार्य चल रहा था।
नैनीताल में मूसलाधार वर्षा हो रही थी।
हेतुहेतुमद्भूत ‘हेतु’ का अर्थ होता है- ‘कारक’ या ‘प्रयोजन’। हेतुहेतुमद्भूत काल (Past Conditional) की क्रिया से यह स्पष्ट होता है कि बीते हुए समय में कोई कार्य या व्यापार सम्पन्न होता; लेकिन किसी कारण से नहीं हो सका।

जैसे-

अंशु इंजीनियर बन गई होती यदि पॉलिटेक्निक की परीक्षा पास हो जाती।
इस वाक्य में ‘इंजीनियर न बनने का’ स्पष्ट हेतु है-
पॉलिटेक्निक का पास न होना।
भूतकालिक क्रियाओं की रूपावली
‘बैठ’ अकर्मक धातु

सामान्य भूत (पुल्लिंग) पुरुष एकवचन बहुवचन
उत्तम पुरुष (मैं) बैठा (हम) बैठे
मध्य पुरुष (तू) बैठा (तुम) बैठे
अन्य पुरुष (वह/यह) बैठा (वे/ये) बैठे
स्त्रीलिंग पुरुष एकवचन बहुवचन
उत्तम पुरुष (मैं) बैठी (हम) बैठीं
मध्य पुरुष (तू) बैठी (तुम) बैठीं
अन्य पुरुष (वह/यह) बैठी (वे/ये) बैठीं
आसन्न भूत (स्त्रीलिंग) पुरुष एकवचन बहुवचन
उत्तम पुरूष (मैं) बैठी हूँ (हम) बैठी हैं
मध्य पुरुष (तू) बैठी है (तुम) बैठी हो
अन्य पुरुष (वह/यह) बैठी है (वे/ये) बैठी हैं।
पुलिंग पुरुष एकवचन बहुवचन
उत्तम पुरूष (मैं) बैठा हूँ (हम) बैठे हैं
मध्य पुरुष (तू) बैठी है (तुम) बैठे हो
अन्य पुरुष (वह/यह) बैठी है (वे/ये) बैठे हैं
पूर्णभूत (पुलिंग) पुरुष एकवचन बहुवचन
उत्तम पुरुष (मैं) बैठा था (हम) बैठे थे
मध्य पुरुष (तू) बैठा था (तुम) बैठे थे
अन्य पुरुष (वह/यह) बैठा था (वे/ये) बैठे थे
स्त्रीलिंग पुरुष एकवचन बहुवचन
उत्तम पुरुष (मैं) बैठी थी (हम) बैठी थीं
मध्य पुरुष (तू) बैठी थी (तुम) बैठी थीं
अन्य पुरुष (वह/यह) बैठी थी (वे/ये) बैठी थीं
अपूर्णभूत (पुल्लिंग) पुरुष एकवचन बहुवचन
उत्तम पुरुष (मैं) बैठ रहा था/बैठता था (हम) बैठी रहे थे/बैठते थे
मध्य पुरुष (तू) बैठ रहा था/बैठता था (तुम) बैठ रहे थे/बैठते थे
अन्य पुरुष (वह/यह) बैठ रहा था/बैठा था (वे/ये) बैठ रहे थे/बैठते थे
स्त्रीलिंग पुरुष एकवचन बहुवचन
उत्तम पुरूष (मैं) बैठ रहा थी/बैठती थी (हम) बैठी रहे थीं/बैठते थीं
मध्य पुरूष (तू) बैठ रहा थी/बैठती थी (तुम) बैठ रहे थीं/बैठते थीं
अन्य पुरूष (वह/यह) बैठ रहा थी/बैठती थी (वे/ये) बैठ रहे थीं/बैठते थीं
संदिग्ध भूत (पुलिंग) पुरुष एकवचन बहुवचन
उत्तम पुरुष (मैं) बैठा हूॅगा (हम) बैठे होंगे
मध्य पुरुष (तू) बैठा होगा (तुम) बैठे होंगे
अन्य पुरुष (वह/यह) बैठा होगा (वे/ये) बैठे होंगे
स्त्रीलिंग पुरुष एकवचन बहुवचन
उत्तम पुरुष (मैं) बैठी हूँगी (हम) बैठी होंगी
मध्य पुरुष (तू) बैठी होगी (तुम) बैठी होंगी
अन्य पुरुष (वह/यह) बैठी होगी (वे/ये) बैठी होंगी
हेतुहेतुमद्भूत उत्तम पुरुष (मै) बैठता/बैठती/बैठी होती/बैठा होता यदि ……….
(हम) बैठते/बैठतीं/बैठी होतीं/बैठे होते यदि …………..
मध्य पुरुष (तु) बैठता/बैठतीं/बैठी होतीं/बैठे होते यदि ………..
(तुम) बैठते/बैठतीं/बैठी होती/बैठे होते यदि ………
अन्य पुरुष (यह/वह) बैठता/बैठती/बैठी/होती/बैठा होता यदि …….
(ये/वे) बैठते/बैठतीं/बैठी होतीं/बैठे होते यदि …….
नोट: (प) सभी अकर्मक धातुओं का रूप इसी तरह होगा।
;पपद्ध चुका/चुके/चुकी लगाकर भी इसी तरह रूप बनेंगे-जैसे- (मैं) बैठ चुका/बैठ चुका हूँ/बैठ चुका था/बैठ चुकी हूँ।

सकर्मक क्रिया के रूप

सामान्य भूत (पुल्लिंग एवं स्त्रीलिंग) ‘पढ़’ पुरुष एकवचन बहुवचन
उत्तम पुरूष (मैं) पढ़ा (हम) पढ़ा
मध्य पुरूष (तू) पढ़ा (तुम) पढ़ा
अन्य पुरूष (वह/यह) पढ़ा (वे/ये) पढ़ा

नोट:

(i) इसी तरह आसन्न में ‘है’, पूर्ण में ‘था’, संदिग्ध में ‘होगा’ जोड़कार रूप बनाए जाते हैं।
(ii) सभी समर्कक एवं प्रेरणार्थक क्रियाओं के रूप ‘पढ़’ के समा नही होंगे सिर्फ अर्पूर्णभूत में कर्ता के साथ ‘ने’ चिह्न नहीं लगेगा।
(iii) कर्ता के ‘ने’ चिह्न के प्रयोग ;कारक मेंद्ध में इसकी चर्चा रूप में हो चुकी है। आगे वाच्य-प्रकरण में भी इससे संबंधित बातें आएंगी।

अपूर्णभूत (पुल्लिंग एवं स्त्रीलिंग) उत्तम पुरूष (मैं) पढ़ रहा था/पढ़ रही थी/पढ़ता था/पढ़ती थी
(हम) पढ़ रहे थे। पढ़ रही थीं/पढ़ते थे/पढ़ती थीं
मध्यम पुरूष (तु) पढ़ रहा था/पढ़ रही थी/पढ़ता था/पढ़ती थीं
(तुम) पढ़ रहे थे/पढ़ रही थीं/पढ़ते थे/पढ़ती थीं
अन्य पुरूष (यह/वह) पढ़ रहा था/पढ़ रही थी/पढ़ता था/पढ़ती थी
(ये/वे) पढ़ रहे थे/पढ़ रही थीं/पढ़ते थे/पढ़ती थीं
हेतुहेतुमद् भूत (पुल्लिंग एवं स्त्रीलिंग) उत्तम पुरूष (मैं) पढ़ रहा था/पढ़ रही थी/पढ़ता था/पढ़ती थी
(हम) पढ़ रहे थे। पढ़ रही थीं/पढ़ते थे/पढ़ती थीं
मध्य पुरूष (तु) पढ़ रहा था/पढ़ रही थी/पढ़ता था/पढ़ती थीं
(तुम) पढ़ रहे थे/पढ़ रही थी/पढ़ते थे/पढ़ती थी
अन्य पुरूष (यह/वह) पढ़ रहा था/पढ़ रही था/पढ़ती थी
(ये/वे) पढ़ रहे थे/पढ़ रही थीं/पढ़ते थे/पढ़ती थीं
भूतहेतुमद् भूत (पुल्लिंग एवं स्त्रीलिंग) पुरुष एकवचन बहुवचन
उत्तम पुरूष (मैं) पढ़ता/पढ़ती या (मैंने) पढ़ा होता
(हम) पढ़ते/पढ़ती या (हमने) पढ़ा होता
मध्य पुरूष (तु) पढ़ता/पढ़ती या (तुने) पढ़ा होता
(तुम) पढते/पढ़ती या (तुमने) पढ़ा होता
अन्य पुरूष (वह/यह) पढ़ता/पढ़ती या (उनसे/इसने) पढ़ा होता
(ये/वे) पढ़ते/पढ़तीं या ;इन्होने/उन्होनेद्ध पढ़ होता

3. भविष्यत् काल

जिस क्रिया से आनेवाले समय में किसी कार्य-व्यापार के होने का बोध हो।

जैसे-

हम बाजार जाएंगे और आवश्यक सामानों की खरीद करेंगे।
इस वाक्य में ‘जाना’ और ‘खरीद करना’ का रूप भविष्यत् काल में है।
भविष्यत् काल (Future Tense) के भी तीन प्रकार होते हैं-

भविष्य काल (Kaal in hindi) के तीन प्रकार होते हैं –

  • सामान्य भविष्य काल
  • संभाव्य भविष्य काल
  • हेतुहेतुमद विषय भविष्य काल
सामान्य भविष्यत काल क्रिया के जिस रूप से उसके भविष्य के सामान्य ढंग का पता चलता हो वह क्रिया सामान्य भविष्यत काल की क्रिया कहलाती है। इससे यह स्पष्ट होता है की क्रिया सामान्य वक्त भविष्य में होगी|

जैसे –

राम स्कूल जायेगा|
गौरी गाना गायेगी|
वह घर जाएगा।
अध्यापक गणित की परीक्षा लेंगे|
हम सब पिकनिक जायेंगे|

संभाव्य भविष्यत काल क्रिया का वह रूप जिससे भविष्य में होने की संभावना का पता चलता हो, वह क्रिया संभाव्य भविष्यत काल की क्रिया कहलाती है।जैसे –

परीक्षा में शायद मेरे अच्छे अंक आएं।
शायद पियूष की चोरी पकड़ी जाए।
हो सकता है कि मैं कल दिल्ली जाऊं।

हेतुहेतुमद विषय भविष्यत काल क्रिया का वह रूप जिससे एक कार्य का पूरा होना दूसरे आने वाले समय की क्रिया पर निर्भर करता हो, वह क्रिया हेतुहेतुमद विषय भविष्यत काल कहलाती है|

जैसे –

वह कामाए तो मैं खाऊं ‌।
वह आए तो मैं जाऊं।
वह कपड़े लाये तो मैं पहनूं।

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