April 25, 2024
vachan

वचन (Vachan), परिभाषा, प्रकार, उदाहरण (हिंदी व्याकरण)

हिंदी व्याकरण में बहुत महत्वपूर्ण अध्याय और व्याकरण खंड के अंतर्गत वचन (Vachan) का वर्णन है, यदि आप हिंदी भाषा में वचन के बारे में जानते हैं तो यहाँ आपको वचन (Vachan), वचन की परिभाषा (Vachan ki paribhasha), वचन कितने प्रकार के होते हैं (Vachan ke prakar)? वचन किसे कहते हैं (Vachan kise kahate hain?) तथा वचन के उदाहरण के बारे सम्पूर्ण जानकारी मिलेगी।

वचन (vachan), परिभाषा, प्रकार, उदाहरण

वचन किसे कहते हैं?

पदों के जिस रूप से उसके एक या अनेक होने का बोध हो, ‘वचन’ (vachan) कहलाता है।अर्थात कोई पद जब किसी वस्तु, पदार्थ, या संज्ञा का एक या एक से अधिक होने का बोध कराये उसे वचन कहते हैं।  नीचे लिखे वाक्यों को देखें

  1. पौधा पर्यावरण को शुद्ध रखता है।
  2. पौधे पर्यावरण को शुद्ध बनाए रखते हैं।
  3. शेर मांसाहारी नहीं होता है।
  4. शेर मांसाहारी नहीं होते

उपयुक्त उदाहरणों में पौधे और शेर एक एवं अनेक संख्याओं का बोध करा रहे हैं।

(1) और (3) वाक्यों के ‘पौधा, और ‘शेर’ अपनी एक-एक संख्या का बोध कराने के कारण एकवचन रूप के हुए और (2) एवं (4) वाक्यों के पौधे तथा ‘शेर’ अपनी अनेक संख्याओं का बोध कराने के कारण बहुवचन रूप के हुए।

वचन कितने प्रकार के होते हैं?

वचन दो के होते हैं।

  1. एकवचन और
  2. बहुवचन

एकवचन से संज्ञा पदों की एक संख्या का और बहुवचन से उसकी अनेक संख्याओं (एकाधिक संख्या) का बोध होता है।

अब नीचे लिखे वाक्यों को ध्यानपूर्वक देखें-

  1. लड़का बहुत प्रतिभाशाली था।
  2. लड़के बहुत प्रतिभाशाली थे।
  3. लड़के ने स्कूल जाने की जिद की।
  4. लड़कों ने खेलने का समय माॅगा।
  5. अमावस की रात अंधेरी होती है।
  6. चाॅदनी रातें बड़ी खूबसूरत होती हैं।
  7. रातों को आराम के लिए बनाया गया है।
  8. लड़की भी अंतरिक्ष जाने लगी।
  9. लड़कियाॅ लड़कों से कम नहीं हैं।
  10. लड़कियों को कमजोर मत समझो।
  11. माली एक फूल लाया।
  12. मालिन के हाथ में अनेक फूल थे।
  13. उसने फूलों की माला बनाई।

उपयुक्त उदाहरणों में हम देखते हैं :

लड़का, लड़के ने, रात, लड़की, फूल आदि एक-एक संख्या का बोध करा रहे हैं। ((1), (3), (5), (8) और (11) वाक्यों में)

लड़के, लड़कों ने, रातें, रातों को, लड़कियाॅ को, फूल और फूलों की अनेक संख्याओं का बोध करा रहे हैं। ((2), (4),(6), (9), (12) और (13) वाक्यों में)

‘लड़का’ एकवचन ‘लड़के’ और ‘लड़कों (नें)‘ बहुवचन

लड़की‘ एकवचन ‘लड़कियाॅ’ और ‘लड़कियों’ (को)’ बहुबचन

‘फूल’ एकवचन ‘फूल’ और ‘फूलों’ (की)’ बहुबचन

बहुवचन के दो रूप सामने हैंलड़के और लड़कों 

लड़कियाॅ और लड़कियों को

रात और रातों को

फूल और फूलों की

‘लड़का’ एकवचन और ‘लड़के ने’ भी एकवचन है।

‘फूल’ दोनों वचनों में समान है।

अब इन्हीं बातों को विस्तार से समझें:

एकवचन से बहुवचन बनाने की दो विधियाँ हैं

  1.  निर्विभक्तिक रूप: जब बिना कारण-चिह्न लगाए विभिन्न प्रत्ययों के योग से बहुवचन रूप बनाए जाएं।
    जैसे- 

लड़का + ए = लड़के
लड़की + याँ = लड़कियाॅ
रात + एँ = रातें आदि

  1. सविभक्तिक रूप: जब कारक चिह्न के कारण ओं/यों प्रत्यय लगाकर बहुवचन रूप बनाया जाता है।
    जैसे-

लड़का + ओं = लड़कों
लड़की + यों = लड़कियों
हाथी + यों = हाथियों
रात + ओं = रातों आदि।

एकवचन से बहुवचन बनाने के नियम

  1. आकारात पुॅ0. संज्ञा में ‘आ’ की जगह ‘ए’ की मात्रा लगाकर:

उदाहरण– लड़का  : लड़के  कुत्ता  : कुत्ते

इसी तरह निम्न संज्ञाओं के बहुवचन रूप बनाएं,

घोड़ा गधा पंखा
पहिया कपड़ा छाता
रास्ता बच्चा तारा
कमरा आईना भैंसा
बकरा बछड़ा

 

  1. अन्य पुॅ. संज्ञाओं के दोनों वचनों में समान रूप होते हैं।

उदाहरण – फूल  :  फूल      हाथी  :  हाथी आदि।

  1. अकारान्त या अकारान्त स्त्री. संज्ञाओं में ‘एँ’ जोड़कर:

उदाहरण – रात  : रातें  माता  : माताएँ

बहन बहनें बात बातें आदत आदतें
बोतल बोतलें टाँग टांगें भैंस भैसें
खबर खबरें शिक्षिका शिक्षिकायें कक्षा कक्षाऐं

  1. इकारात में ‘याँ’ और ईकारान्त स्त्री. संज्ञा में ‘ई’ को ‘इ’ करके ‘याॅ’ जोड़कर:

उदाहरण – तिथि  : तिथियाँ    लड़की  : लड़कियाँ आदि।

रीति रीतियाँ नीति नीतियाँ साड़ी साड़ीयाँ
नारी नारियाँ घड़ी घड़ीयाँ नाड़ी नाड़ीयाँ

 

  1. उकारान्त स्त्री. संज्ञा में एँ, एवं ऊकारान्त में ‘ऊ’ को ‘उ’ कर ‘एँ’ लगाकर:

उदाहरण – वस्तु  : वस्तुएँ   बहू   : बहुएँ    बधू  : वधूएँ आदि

  1. ‘या’ अन्तवाली स्त्रीलिंग संज्ञाओं में ‘या’ के ऊपर चंद्रबिंदु लगाकर-

उदाहरण – चिड़िया-चिड़ियाँ  (इनके रूप आप स्वयं लिखें)

डिबिया   चिड़िया   गुड़िया   बुड़िया   मचिया    बचिया

  1. गण, वृन्द, लोग, सब, जन आदि लगाकर भी कुछ संज्ञाएँ बहुवचन बनाई जाती हैं।

उदाहरण

बालक      :  बालकगण        शिक्षक  :   शिक्षकगण

अध्यापक   :  अध्यापकवृन्द        बंधु    :  बंधुवर्ग

ब्राह्मण      :   ब्राह्मणलोग          बच्चा  :  बच्चालोग / बच्चेलोग

नारी         :    नारीवृन्द             गुरू  :  गुरूजन

नेता         :    नारीवृन्द             गुरू  : गुरूजन

नेता         :  नेतालोग              भक्त  : भक्तगण

सज्जन      :  सज्जनवृन्द            भाई  : भाईलोग

  1. इनमें ओं/यों लगाकर कोष्ठक में किसी कारक के चिह्न लिखें:

उदाहरण – लडका :  लडकों (ने)   लड़की :  लड़कियों (में)

बच्चा  कथा   शिक्षक   चिड़िया  घास   मानव   जानवर  पौधा   कमरा   कहानी

रात   कविता  पुस्तक  बाल  बोतल   नाक   कलम   दांत

वचन संबंधी कुछ विशेष बातें

निम्नलिखित संज्ञाओं का प्रयोग बहुवचन में ही होती है:

  • ये मेरे हस्ताक्षर हैं।
  • गेली लगते ही उस आदमखोर बाघ के प्राण उड़ गए।
  • आपके दर्शन से मैं बड़ा लाभान्वित हुआ।
  • भूकंप आने की खबर सुन मेरे तो होश ही उड़ गए।
  • आजकल के लोग बड़े स्वार्थी हुआ करते हैं।
  • आपके होठ/ओठ तो बड़े आकर्षण हैं।
  • इन दिनों वस्तुओं के दाम काफी बढ़ गए हैं।
  • मैं आपके अक्षत को पूजार्थ ले जा रहा हूँ।
  • अभी से ही मेरे बाल झड़ने लगे हैं।

कुछ संज्ञाओं का प्रयोग, जिनमें द्रव्यवाचक संज्ञाएँ भी शामिल हैं, प्रायः एकवचन में ही होता है:

  • आर्थिक मंदी से आम जनता बहुत परेशान है।
  • इस वर्ष भी बिहार में बहुत कम वर्षा हुई है।
  • कहीं पानी से लोग डूबते हैं तो कहीं पानी खरीदा जाता है।
  • सोना बहुत महंगा हो गया है।
  • चाँदी भी सस्ती कहाॅ है।
  • लोहा मजबूत तो होता ही है।
  • ईश्वर तेरा भला करे।

 आदरणीय व्यक्तियों का प्रयोग बहुवचन में होता है यानी उनके लिए बहुवचन क्रिया लगाई जाती हैं। जैसे-

  • मेरे पिताजी आए हैं।
  • गुरूजी ऐसा कहते हैं कि पेड़-पौधे हमारे मित्र हैं।
  • माताजी देवघर जाना चाहती थीं, किन्तु मैंने उनकी अवस्था देख उन्हें मना कर दिया।

नाना, दादा, चाचा, पिता, युवा, योद्धा आदि का बहुवचन रूप वही होता है। 

द्रव्यवाचक संज्ञाओं के प्रकार (भेद) रहने पर उनका प्रयोग बहुवचन में होता है। जैसे- 

  • धनबान में आज भी बहुत प्रकार के कोयले पाए जाते हैं।
  • लोहे कई प्रकार के होते हैं।

प्रत्येक, हर एक आदि का प्रयोग सदा एकवचन में होता है। जैसे- 

  • प्रत्येक व्यक्ति ऐसा ही कहता है।
  • आज हर कोई मानसिक रूप से बीमार दिखता है।
  • इस भाग-दौड़ की दुनिया में हरएक परेशान है।

‘अनेक’ स्वयं बहुवचन है (यह ‘एक’ का बहुवचन है) इसलिए अनेकों वर्जित है। जैसे- 

  • मजदूरों के अनेक काम हैं।

नोट: कविता में मात्रा घटने की स्थिति में अनेकों का प्रयोग भी देखा जाता है। जैसे- 

  • पहर दो पहर क्या
  • अनेकों पहर तक
  • उसी में रही मैं। (बसंती हवा)

यदि आकारान्त पुॅ. संज्ञा के बाद किसी कारक का चिह्न आए तो वहाँ एकवचन अर्थ में भी वह संज्ञा आकार की एकार हो जाती है।

उदाहरण – अमिताभ के बेटे की शादी ऐश्वर्या राय से हुई।

यहाँ ‘बेटा’ आकारान्त पुॅ. संज्ञा है। इसके आगे संबंध कारक का चिह्न ‘की’ रहे?

कारण ‘बेटा’ शब्द ‘बेटे’ हो गया। ‘बेटे’ होने से भी य एकवच नही रहा, बहुवचन नहीं निम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त संज्ञाओं का रूप बदलकर वाक्य शुद्ध करें-

  1. इस छोटे-से काँटा ने बहुत परेशान कर दिया है।
  2. इस अंडा का आकार उस अंडा से बड़ा नहीं है।
  3. घर में सब कुछ है, बस एक ताला की कमी है।
  4. इस पंखा ने जान बचा ली है, वरना आज इस गर्मी में उबल गए होते।
  5. एक धब्बा ने पूरी धोती ही खराब कर दी है।
  6. आज हम लोग किसी ढाबा पर खाना खाने जाएंगे।
  7. विदाई के समय टीका लगाने का रिवाज घटता जा रहा है।
  8. उन चिट्ठियों को मेरे पता पर भेज दीजिए।
  9. शगुन के समय शामियाना में आग लग जाने से सब गुड़ गोबर हो गया।
  10. मैं इस मामला को सदन में उठाऊँगा।

कारक-चिहृन रहने पर पुॅ. संज्ञाओं के पूर्ववर्ती आकारान्त विशेषण तथा क्रियाविशेषण का रूप एकरान्त हो जाता है।

उदाहरण– मेरा छोटा भाई ने आपकी चर्चा की थी।

मेरे छोटे भाई ने आपकी चर्चा की थी।

GK, GS, Maths, Reasoning Quiz के लिए टेलीग्राम चैनल ज्वाइन करें - Join now

नीचे लिखे वाक्यों में दिए गए विशेषणों तथा क्रियाविशेषणों में आवश्यक परिवर्तन कर वाक्य शुद्ध करें-

  1. ऐसा काम के लिए उनके पास जाना उचित नहीं लगता।
  2. मुझे आपने दो काम दिए थे, उनमें से मैने आपका पुराना काम तो कर दिया परन्तु नयावाला काम में कुछ समय लगेगा।
  3. बहुत सारे देशों में काला-गोरा का अन्तर आज भी देखने को मिलता है।
  4. तुम-जैसा अवारा लड़के से मुझे कोई सहानुभूति नहीं है।
  5. उसका बड़ा लड़का का दिमाग खराब हो गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *