May 4, 2024

सामान्य ज्ञान एवं सामयिक विषय


Ques 61: कौन-सी वृक्ष जाति पर्णपाती वनस्पति से सम्बन्धित नहीं है ?

  • देवदार
  • सागौन (टीक)
  • साल
  • चंदन काष्ठ

पतझड़ी या पर्णपाती (कमबपकनवने) ऐसे पौधों और वृक्षों का कहा जाता है जो प्रत्येक वर्ष में किसी मौसम में अपने पत्ते खो देते हैं। साल, सागौन, अखरोट, शीशम (भारतीय शीशम), चंदन, बांस आदि पतझड़ी पेड़ों के कुछ उदाहरण हैं। ऐसे गैर-पतझड़ी वृक्ष जिन पर सालभर पत्ते रहते हैं सदाबहार वृक्ष कहते हैं। इन वृक्षों में दवदार और चीड़ शामिल हैं।

Ques 62: प्रचुर मात्रा में भूमिगत जल वाली और जल का खुला प्रवाह होने देने वाली चट्टानें कहलाती हैं

  • पारगम्य
  • मितजलभृत्
  • जलभर (जलभृत्)
  • सरंध्र

भूमि में पानी के रिसाव की दर चट्टानों की पारगम्यता तथा रंध्रता पर निर्भर करती हैं संरध्रता अथवा रंध्रता शब्द चट्टानों में रंध्रों अथवा छिद्रों की उपस्थिति से सम्बन्धित लक्षण है जबकि पारगम्यता चट्टानों की जल को नीचे जाने देने की क्षमता से सम्बन्धित है। पारगम्य होने के लिए चट्टानों में उपस्थिति रंध्रो का आपस में जुड़ा होना भी आवश्यक है न कि केवल रंध्रों का होना। चूना और रेतीले चट्टान इसके उदाहरण हैं।

Ques 63: प्रचालन तंत्र होता है

  • परिकलन मृदु-सामग्री
  • अनुप्रयोग मृदु-सामग्री
  • तंत्र मृदु-सामग्री
  • उपयोगिता मृदु-सामग्री

प्रचालन तंत्र (आॅपरेटिंग सिस्टम) सिस्टम साॅफटवेयर का समूह है जो आॅकड़ो एवं निर्देश के संचरण को नियंत्रित करता है। यह हार्डवेयर एवं साॅफटवेयर के बीच सेतु का कार्य करता है और कम्प्यूटर का साॅफटवेयर घटक होता है। इसी की सहायता से ही कम्प्यूटर में स्थापित प्रोग्राम चलते हैं। डाॅस(DOS), यूनिक्स, विंडोज आॅपरेटिंग सिस्टम है और लिनक्स आदि कुछ प्रमुख प्रचालन तंत्र हैं।

Ques 64: …….. काम की वह मात्रा है जो तंत्र प्रति एकाक समय में कर सकता है।

  • प्रतिवर्तन
  • निर्गम
  • अंतरण दर
  • संवेश प्रवाह

संवेश प्रवाह विज्ञान विषय की रसायन विज्ञान शाखा की परिभाषिक शब्दावली में प्रयुक्त होता हैं यह वह दर है जिस पर कोई प्रणाली समय के प्रति इकाई अपने उत्पादों/सेवाओं को उत्पन्न करता है। दूसरे शब्दों में संवेश प्रवाह (throughtput) काम की वह मात्रा है तो तंत्र प्रति एकक समय मे कर सकता है।

Ques 65: सभी अम्लों का साझा तत्व है

  • सल्फर
  • ऑक्सीजन
  • हाइड्रोजन
  • नाइट्रोजन

अम्ल एक रासायनिक यौगिक है जो जल में घुलकर हाइड्रोजन आयन ;भ्‘़द्ध देता है। इसका चभ् मान 7.0 से कम होता है। अम्ल धातु ऑक्साइडों के साथ क्रिया करके लवण और जल बनाते है।

Ques 66: एलुमिनियम ऑक्साइड होता है

  • उभयधर्मी अम्ल
  • अम्ल ऑक्साइड
  • क्षारीय ऑक्साइड
  • उदासीन ऑक्साइड

ऐलुमिनियम आॅक्साइड एक उभयधर्मी आॅक्साइड ;ंउचीवजमतपबवगपकमद्ध है; क्योंकि अम्लीय और क्षारीय दोनों गुणों को प्रदर्शित करता है। यह हाइड्रोक्लोरिक एसिड और सोडियम हाइडाँक्साइड के रूप में अम्लों और क्षारों दोनों के साथ प्रतिक्रिया कर सकता है।

Ques 67: सूची-I में दी गई फसलों का सही मिलान सूची-II में दिए प्रभावित करने वाले रोगों के साथ कीजिए
सूची-I (फसलें)
A. धान
B. गेहूँ
C. सरसों
D. गन्ना (ईख)
सूची-II (रोग)
(1) मृदुरोमिल आसिता
(2) प्रध्वंस
(3) लाल विगलन
(4) किट्ट

  • A- 4, B-2, C-3, D-1
  • A-1, B-2, C-4, D-3
  • A-3, B-1, C-2, D-4
  • A-2, B-4, C-1, D-3

धानः ब्लास्ट (प्रध्वंस); गेहूं; रस्ट (किट्ट); सरसों: डाउनी फफूंदी (मृदुरोमिल आसिता); गन्ना: लाल राॅट (लाल विलगन)

Ques 68: स्थिर गति के साथ वृत्ताकार पथ में चल रही वस्तु का होता है

  • त्रिज्यतः बाहर की और त्वरण
  • एकसमान मंदन
  • एकसमान त्वरण
  • चर त्वरण

स्थिर गति के साथ वृत्ताकार पथ में चल रही वस्तु वृत्तीय पथ के केन्द्रों की और निर्देशित त्वरण कहा जाता है। वृत्ताकार संचलन की स्थिति में भले ही गति स्थिर हो, वस्तु का त्वरण हर पल बदलता है; क्योंकि उसके पथ की दिशा लगातार परिवर्तित होती रहती है।

Ques 69: एम0सी0बी0, जो लघु-पथन के मामले में विद्युत की पूर्ति को कर देता है, काम करता है

  • धारा के विद्युत-लेपन प्रभाव पर
  • धारा के रासायनिक प्रभाव पर
  • धारा के तापन प्रभाव पर
  • धारा के चुंबकीय प्रभाव पर

परिपथ विच्छेदक या ‘सर्किट ब्रेकर’ ;बपतबनपज इतमंामतद्ध स्वतः चालित वैद्युत स्विच है जो दोष (फाल्ट) आदि की दशा में कार्य करता है जिससे दोषी परिपथ स्वस्थ परिपथ से अलग कर दिया जाता है और दूसरे उपकरण खराब होने से बच जाते हैं। यह धातु पट्टी पर बिजली के तापीय प्रभाव पर आधारित है।

Ques 70: कवियों के नामों और उनके द्वारा रामायण लिखने की भाषा को सूचियों का मिलान कीजिए
सूची-I (कवि)
A. कम्बन
B. कृतिवास
C. माधव कन्दली
D. तुलसीदास
सूची-II (रामायण लिखने की भाषा)
(1) बंगाली
(2) हिन्दी
(3) तमिल
(4) असमी

  • A-3, B-4, C-1, D-2
  • A-2, B-3, C-1, D-4
  • A-3, B-1, C-4, D-2
  • A-4, B-2, C-1, D-3

कंबनः तमिल, कृतिवास बांग्ला, माघव कंदली: असमिया, तुलसीदास: हिन्दी

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