April 24, 2024

पत्र लेखन, पत्र लेखन का फॉर्मेट 6 उदाहरण

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पत्र लेखन की कला आज के नए युग में व्यावहारिक उपयोग के लिए नाम मात्र के लिए ही उपयोग में आते हैं। इस आधुनिक युग में भले ही पत्र लेखन की कला लगभग विलुप्त की तरफ जा रही है परन्तु व्यापारिक कार्यों या विभागीय कार्यों के लिए ये आज भी उपयोग में लाये जाते हैं।

बिना पत्राचार आप विभागीय कार्यों को नहीं कर सकते क्योंकि मौखिक तौर पर किसी भी विभाग में कार्य नहीं होता है। इसके लिए आया माध्यम हम यह कह सकते हैं की ईमेल भी पत्र लेखन की तरह ही है।

पत्र लेखन मुख्यतः दो प्रकार के हैं।

  1. सामाजिक  (वैयक्तिक और निमंत्रण पत्र )
  2. व्यापारिक

नीचे पत्र लेखन के कुछ उदाहरण दिए गए हैं।

अनौपचारिक पत्र कैसे लिखें?

पत्र लेखन, पत्र लेखन का फॉर्मेट 6 उदाहरण

1- गाँव में रहनेवाले अपने बड़े भाई, जो गुटखा खाते हैं और दिन-रात शराब के नशे में चूर रहते हैं- को पत्र लिखकर इससे होनेवाली हानियों से उन्हें आगाह करें।

सुन्दरगढ़
पानी टंकी के पास
कुसुण्डा हाउस, मध्य प्रदेश
27 जुलाई, 2009

पूज्य भैया,

सादर प्रणाम, 

 

कल शाम दीनू चाचा आए। उन्होंने छोटू की पढ़ाई-लिखाई की प्रशंसापरक चर्चा की। मन प्रसन्न हो गया। तभी उन्होंने आपक दिनचर्या बताई। मैं दुखों के सागर में डूब गया। उनसे पता चला कि दिन प्रतिदिन आपकी सेहत गिरती ही चली जा रही है। और आप हैं कि कोई ध्या नही नहीं देते।

भैया, गुटखा और शराब दोनों स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। गुटखा खाने से मुँह और गले का कैंसर होता है। इससे जबड़े की त्वचा सिकुड़कर सड जाती है। मुँह से विचित्र दुर्गध आती है और स्वर-ग्रंथि भी बेहद प्रभावित होती है। गर्भवती माँ द्वारा सेवन करने से उसके शिशु पर भी बहुत बुरा असर पडता है।

 

इसी तरह शराब भी हमारे स्वास्थ्य को ले डूबती है। आँत और किडनी का संक्रमित होना तय है इससे। आप तो जानते ही हैं कि एक गरीब किसान की वह औक़ात कहाँ जो अपना इलाज भी करा सके। यदि हम खुद अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेष्ट न रहें तो फिर कौन संभालेगा ? सुना है कि इधर लगातार आपके पेट में दर्द रहता है; भोजन नहीं पचता है। ये दोनों परेशानियाँ गुटखे और शराब के ही कारण हो रही है। आप इन्हें छोडकर तो देखिए, चन्द दिनों में भले चंगे हो जाएंगे। मैं एक सप्ताह की छुट्टी लेकर आ रहा हूँ। आपको नशे पर आई विभिन्न रिपोर्टों को पढ़कर सुनाऊँगा।

 

विशेष, दर्शन होने पर। चाचीजी और सोनी पर ध्यान दीजिएगा।

 

आपका भतीजा

अंशुमान

Letter writting in hindi पत्र लेखन का उदाहरण 2

2 – नृत्य और संगीत का प्रशिक्षण लेने वाली अपनी सहेली को पत्र लिखकर पॉप स्टार माइकल जैक्सन के निधन पर हुई अपूरणीय से अवगत कराएं।

सिन्हा चौक, आरा
26 जून, 2009

 

प्रिय मेघा,
नमस्ते।

 

आशा है, तुम मम्मी-पाप के साथ स्वस्थ और सानंद होगी। यह मेरा दूसरा पत्र है। तुमसे पहले पत्र के प्राप्त होने की सूचना तक नहीं दी। मूझे लगता है कि संगीत साधना में तुम काफी व्यस्त रहने लगी हो। अच्छी ही बात है। अपने ध्येय के प्रति लगी रहो। निरन्तर साधना करते रहने से ही आदमी सफलता के चरमोत्कर्ष पर पहुँचता है।

 

एक बुरी खबर है तुम्हारे लिए शायद तुम्हें इसकी खबर न हो। तुम जिस पाॅप स्टार को अपना आदर्श मानती रही; वे आज सवेरे इस दुनिया को अलविदा कह गए। पहले तो में भी यह खबर सुनकर चैकी, विश्वास ही नहीं हुआ आरती की इंज पर परन्तु जब मैने आजकल चैनल को देखा तब तो सवार्ग रूप से सिहर ही गई। आँखों में आँसू आ गए। भला 50 वर्ष की उम्र भी कोई मरने की उम्र है। इतनी कम उम्र उम जैक्सन साहब ने जो संगीत और नृत्य की दुनिया में ख्याति पायी, वह बड़े-बड़ों को भी नसीब नहीं हुई। वे इस क्षेत्र के बेताज बादशाह थे।

 

दूरदर्शन पर उनके बारे में बताया जा रहा था कि वे अमेरिका के एक बहुत ही निर्धन परिवार में जन्मे थे। बचपन से ही अति महत्वाकांक्षी होने और दिन-रात परिश्रम करते रहने के कारण उन्होंने संगीत और नृत्य की इस ऊंचाई को प्राप्त किया। उन्होंने इतनी छोटी-सी उम्र में ही दुनिया का सारा सुख भागा। निश्चित रूप से ऐसा शख्स तुम जैसे लाखों साधकों के लिए आदर्श रहे होंगे। उनके निधन से संगीत की दुनिया को अपूरणीय क्षति हुई हैं। ईश्वर करे, उनकी दिवंगत आत्मा को चिर शान्ति मिले।

 

विशेष, सारा समाचार यथावत् है। आशा है, मेरे पत्रों में वर्णित जैक्सन साहब के जीवन-वृत्त से तुम्हारा इरादा और मजबूत ही होगा। तुम भी इसी तरह की ऊंचाइयों को प्राप्त करो, यह मेरी, आरती, शालू, मौसम और राजलक्ष्मी इन सबों की शुभकामना है। चाचीजी को मेरा चरण-स्पर्श कहना और गोलू को शुभ प्यार।

 

तुम्हारी सहेली

वर्षा सान्याल

पत्र लेखन का उदाहरण 3

3 – बहन के विवाह-समारोह में सम्मिलित होने के लिए मित्र को पत्र

शान्ति कुंज रोड, हरिद्वार

(उत्तराखंड)

24 अप्रैल, 2010

 

प्रिय सरोवर,

नमस्ते।

 

बहुत दिनों से तुम्हारे पत्र न मिलने से मै बहुत दुखी हूँ। आशा है, तुम स्वस्थ एवं सांसद होंगे।

तुम्हें यह जानकर बेहद प्रसन्नता होगी कि बड़ी जद्दोजहद के बाद अगले महीने की 16 तारीख को मेरी बहन सोनी की शादी तय हो गई है।

विवाह का औपचारिक चिमंत्रण-पत्र अभी तक नहीं छप सका है। आते ही तम्हें भेजा जाएगा किन्तु मैं तुम्हें इस समाराह में उपस्थित होने के लिए विशेष रूप से निमंत्रित कर रहा हूँ। तुम 10 मई तक निश्चित रूप से आ जाओ। विवाह की पूर्व तैयारी करने में तेरी उपस्थिति बहुत जरूरी है।

 

शेष बातें आने पर होगी। हां, अपने साथ गुड़िया और बिट्टू को अवश्य लेते आना। चाचाजी को मेरा सादर नमन कहना। तुम्हारी प्रतीक्षा में –

 

तुम्हारा मित्र

सीताराम शरण

डाक टिकट
सेवा में,
श्री सरोवर प्र. लाल
कस्तृरी अपार्टमेंट
शुक्ला कॉलोनी, हीनू राँची – 2

पत्र लेखन का उदाहरण 4

4 – जलवायु परिवर्तन के लिए गई हुई सखी का पत्र।

मकान नं. – 3440

पहाड़गंज – ऊटी

12 जून, 2010

 

मेरी प्यारी सखी राजलक्ष्मी,

 

तुम सदा मेरे लिए शुभकामनाएं भेजती और मेरे स्वास्थ्य के विषय में पूछती रही हो। इसके लिए यदि में तुम्हें धन्यवाद दूँ तो वह बनावटीपन होगा।

प्यारी सखी, जब से मैं यहां आई  हूँ, मुझे तुम-सी विनोदी और सहदय सखी कोई नहीं मिली। यहाँ की जलवायु मेरे लिए सर्वथा अनुकूल है। इस जगह पर न तो गर्मी है, और न ही गया-सा शोर।

 

पिताजी ने एक कमरा किराये पर ले लिया था। इस समय माताजी मेरे साथ है। पिताजी तो दो दिन ही यहाँ ठहरे फिर कोलकाता चले गए। प्रतिदिन के हिसब से कमरे का हम 60 रूपये किराया दे रहे हैं। यहाँ हर प्रकार की सुविधा है। खाने पीने की वस्तुएँ सुलभ है। यहाँ आए हमें लगभग बारह दिन हो गए हैं। इन थोड़े ही दिनों में मैं अपने शरीर में विशेष ताजगी महसूस कर रही  हूँ । मैं अब पहले से ज्यादा स्वस्थ  हूँ। तुम्हें इस बात से आश्चर्य होगा कि इन दिनों मेरा वनज दो किलोग्राम बढ़ गया है।

 

तुम्हारे घर की मिसी कितनी भोली और प्यारी थी। उसका खेल मन को मुग्ध कर देता था। बस, उसी तरह यहाँ भी दो खरगोश हैं। वे भी बड़े प्यारे और भोले हैं। उनके खेल कूद मन को मोह लेते हैं ; किन्तु तेरी याद सताती रहती है। पत्र-द्वारा अपना सामचार लिखना। हमारे जीजाजी कैसे हैं ? आजकल उनकी तैयारी कैसी चल रही हैं ? मेरी ओर से अपनी माताजी को नमस्ते कहना और बाकी सखियों को भी बहुत-बहुत प्यार । पत्र लिखती रहना ।

 

तुम्हारी प्रिय सखी

वर्षा रानी

डाक टिकट
राजलक्ष्मी मिश्रा
पचमहला टोला, मंगेरीगंज
गया (बिहार), पिन  828488

पत्र लेखन का उदाहरण 5

5- हाई स्कूल की परीक्षा में अनुतीर्ण हुए सखी को पत्र।

गाजियाबाद
14 जून, 2009
प्रिय सखी चिंकी,

 

आज समाचार पत्र को पढकर ज्ञात हुआ कि इस वर्ष तुम हाई स्कूल की परीक्षा में अनुतीर्ण हो गई हो। इससे बड़ा खेद हुआ। परन्तु, प्यारी सखी, इससे यह न मान बैठना कि तुम अयोग्य हो। मैं तुम्हारी योग्यता और परिश्रमशीलता को कदापि नहीं भूल सकती। कई बार परीक्षा में योग्य छात्र भी रह जाते हैं। इसमें परिस्थितियों की प्रतिकूलता का ज्यादा हाथ होता है। तुम तो 10 दिनो में टायफाइड से पीडित थी, फिर ऐसा रिजल्ट तो स्वाभाविक ही है।

 

प्यारी चिंकी, तुम अपने दिल कोई बात लगाना नहीं। तुम उतीर्ण भी हो जाती: परन्तु यदि तृतीय श्रेणी में आती तो यह अनुतीर्ण होने जैसा ही होता। तुम अगले साल की परीक्षा की तैयारी में अभी से लग जाओ। मैं अपना सारा नोटबुक कुरियर से भेज रही  हूँ। विधाता ने तुम्हें अधिक उज्ज्वल बनने का अवसर प्रदान किया है इसलिए खेद छोड़कर प्रयत्न करो।

 

मेरा रिजल्ट भी कुछ खास नहीं रहा है। 95.87% अंक ही मिले हैं। आशा तो थी कि 98% से कम नहीं आएगा परन्तु न जाने कहाँ चूक हो गई कि मुझे इतना कम अंक मिला है। करियर मिलते ही पत्र लिखना। अपनी माताजी को मेरा प्रणाम कहना।

 

तुम्हारी अभिन्न हदया

उपासना भारती

डाक टिकट
सुश्री चिंकी
D/o श्री रामकुमार सिंह
ग्राम + पो – हसनपुर बागर
जिला  बेगूसराय, पिन – 851035

पत्र लेखन का उदाहरण 6

6- गली-मुहल्ले में पड़ी गंदगी के बारे में स्वास्थ्य अधिकारी के नाम पत्र।

सी./27, पश्चिमी पटेल नगर
अहमदाबाद, गुजरात
27 जुलाई, 2010
सेवा में,

श्रीयुत स्वास्थ्य अधिकारी महोदय,

अहमदाबाद नगर निगम, अहमदाबाद

मान्यवर,

मै आपका ध्यान अपने मुहल्ले की दुर्दशा की ओर आकृष्ट करके आपसे प्रार्थना करना चाहती हूँ, जिससे आप उचित व्यवस्था कर सकें और यहाँ के निवासियों का स्वास्थ्य सुधार सके ?

इस मुहल्ले के चौराहे पर जो कूड़ेदान पड़ा है, वह एक तो सदा खुला रहता है, दूसरे कई-कई दिन तक उसमें कूडा रहता है। मक्खियां भिन्न-भिन्न करती रहती हैं और दुर्गंध इतनी कि नाक नहीं रखी जाती। बाहर भी कचरों का अंबार लगा रहता है। नालियों की भी वैसी ही स्थिति है। इधर सूअर आ-आकर और भी अधिक गंदगी फैला जाते हैं, जिनसे यहाँ के निवासियों का स्वास्थ्य सुधार सके?

 

इस मुहल्ले के चौराहे पर जो कूड़ेदान पड़ा है, वह एक तो सदा खुला रहता है: दूसरे कई-कई दिन तक उसमें कूडा पर रहता है। मक्खियां भिन्न-भिन्न करती रहती हैं और दुर्गंध इतनी कि नाक नहीं रखी जाती। बाहर भी कचरों का अंबार लगा रहता है। नालियों की भी वैसी ही स्थिति है। इधर सूअर आ-आकर और भी अधिक गंदगी फैला जाते हैं; जिनसे यहाँ रहने वालों का जीना मुहाल हो गया है। मच्छरों का प्रकोप तो इतना है कि केवल इस मुहल्ले में लगभग 70 व्यक्ति मलेरिया से पीड़ित है। इधर इन्फ्लूएंजा के रोगी भी देखे गए हैं। वर्षा ऋतु होने से हैजा आदि का भी डर बना हुआ है।

 

इन्ही कारणों से मेरी आपसे विनम्र प्रार्थना है कि आप इस विषय में नगर निगम के कर्मचारियों की जाँच पड़ताल करें और इस दुर्गंधमय कूडे-कचरे को उठवाने तथा ब्लीचिंग पाउडर छिडकवाने का शीघ्र प्रबंध करें। इस कूडेदान के ढक्कन की व्यवस्था भी अपेक्षित है। इस कष्ट के लिए मै और मुहल्लेवासी सदा आपका ऋणी रहेंगे।

धन्यवाद!

 

भवदीया

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हनी एवं सभी मोहल्लेवासी

 

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